बाबाजी के क्रिया योग में दीक्षाएं


बाबाजी के क्रिया योग में दीक्षा की भूमिका को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है | दीक्षा एक पावन प्रक्रिया है जिसमें शिष्य को सत्यबोध के एक माध्यम की प्रथम अनुभूति कराई जाती है | वह माध्यम है क्रिया अर्थात योग की व्यवहारिक तकनीक और वह सत्य है शाश्वत एवं असीम अस्तित्व का प्रवेश द्वार | नाम-रूप से परे होने के कारण यह सत्य शब्दों या प्रतीकों के माध्यम से व्यक्त नहीं किया जा सकता | हाँ, इसे अनुभव अवश्य किया जा सकता है और इसके लिये एक ऐसा गुरु चाहिये जो इस सत्य के अपने जीवंत अनुभव को बाँट सके | इस तकनीक के माध्यम से गुरु अपने शिष्य को अपने अंदर इस सत्य का साक्षात्कार पाने कि विधि प्रदान करते हैं |


  1. प्रथम दीक्षा : क्रिया योग की प्रथम दीक्षा साप्ताहांत में आयोजित एक गहन सेमिनार में दी जाती है | इस सेमिनार में आप बाबाजी द्वारा संकलित क्रिया हठ योग के 18 स्वास्थ्यवर्धक, शक्तिवर्धक तथा विश्रामदायी आसन सीखेंगे | साथ ही सूक्ष्म उर्जा को जाग्रत एवं प्रवाहित करने के लिये "क्रिया कुण्डलिनी प्राणायाम" नामक शक्तिशाली श्वसन प्रणाली के 6 चरण का अभ्यास सीखेंगे | इसके अतिरिक्त अवचेतन मन को परिशुद्ध कर अपने मन का स्वामी बनने तथा आत्म-साक्षात्कार एवं ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति के लिये ध्यान की 7 क्रियाएँ सीखेंगे |

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  1. द्वितीय दीक्षा : प्रकृति की गोद में किसी ग्रामीण स्थल पर साप्ताहांत में आयोजित ‘आध्यात्मिक अंतर्यात्रा’ के दौरान द्वितीय दीक्षा दी जाती है | मंत्र दीक्षा के साथ साथ इसमें चक्रों को जाग्रत करने की शक्तिशाली तकनीक, योगनिद्रा, मौन एवं क्रियाशील ध्यान का अभ्यास सिखलाया जाता है | योग को रोजमर्रे की सामान्य गतिविधियों में उतारना इसका लक्ष्य है |
  2. तृतीय दीक्षा : क्रिया योग के कुल 144 क्रियाओं में से प्रथम एवं द्वितीय दीक्षा के बाद बाकी बची हुई क्रियाओं को किसी ग्रामीण स्थल पर आयोजित 9 दिवसीय गहन अंतर्यात्रा-शिविर में सिखाया जाता है | इनमें वो क्रियाएँ भी शामिल हैं जो समाधि के विभिन्न स्तरों एवं इश्वर-सान्निध्य का अनुभव कराती है |
  3. मासिक पाठ्यक्रम : विश्व भर में 40 से ज़्यादा शहरों में बाबाजी के क्रिया योग के साधक योग से सम्बंधित शास्त्रों को पढ़ने और उनपर चिंतन-मनन करने अथवा अपने अनुभवों को बांटने के लिए मिलते हैं |
  4. सार्वजनिक साप्ताहिक सभा : दुनिया के अनेक शहरों में, क्रिया हठ योग के 18 आसन सीखें और साधकों से बाबाजी के क्रिया योग के बारे में आरम्भिक जानकारी लें |
  5. सुझाया गया योगदान: दीक्षा और अन्य गतिविधियां केवल सुझाए गए योगदान के आधार पर दी जाती हैं। हम बाबाजी के क्रिया योग को सीखने के लिए पैसे को कभी भी एक शर्त या बाधा नहीं बनने देते। जहां इच्छुक व्यक्तियों के पास पैसा नहीं है, वहां इसे निःशुल्क दिया जाता है।


 

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